भारतीय सेना
सीमा पर खड़े हमारे जाँबाज़ सैनिक हमारी रक्षा के लिए २४ घंटे मौजुद रहते हैं। दुनिया भर से आने वाले संकटों से हमारे सैनिक ढाल बनके हमारी रक्षा करते हैं। प्राकृतिक तथा मानवीय आपत्ती के समय हमारे सैनिक सबसे पहले हमारी रक्षा करने के लिए खड़े रहते हैं।
पुलवामा हमला हो या, २६/११ का आतंकी हमला, ऐसे न जाने कितने हमले हुए जब हमारे जवानों ने खुद की जान दाव पर लगाकर हमारे देश की रक्षा की।
भारत मे तीन प्रकार की सेनाएँ हैं – थल सेना, नौसेना और वायुसेना। इसके साथ ही पुलिस भी हमारी रक्षा के लिए २४ घंटे खड़े रहती हैं। भारत में बहुत सारी वजहों के कारण सैनिक तथा उनके परिवारों के लिए उपलब्ध की गई सुविधाएँ उन तक पहुँचाने में परेशानी होती है।
एक जिम्मेदार संस्था होने के नाते ‘शील फाउंडेशन’ भारतीय सैनिक, जिनको वीरगती प्राप्त हो चुकी है, उनके परिवार के बच्चों को स्थैर्य देने का काम करती है। सैनिकों के परिवार में, जिनका पारिवारिक सहारा नहीं रहा, उन बच्चों की शिक्षा का खर्च और जिनको सेना मे भर्ती होना है, उनको भी आर्थिक सहायता देने का काम ‘शील फाउंडेशन’ करती है।
बहुत बार ऐसा होता है, सैन्य भर्ती परीक्षा देने वाले युवा /युवतियों को योग्य मार्गदर्शन नहीं मिल पाता, तथा उन्हें पैसों की कमी भी सताती है। ऐसे सभी युवा/युवतियों को उनके ऐच्छिक क्षेत्र में करियर बनाने में हम मदद करते हैं।
हमारी सुरक्षा के लिए हमेशा खड़े रहने वाले इन योद्धाओं के परिवारों और उनके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए ‘शील फाउंडेशन’ मदद करती है। हमारी छोटी-सी सहायता बहुत सारे परिवारों और युवा /युवतियों को नयी दिशा दिखाने का कार्य करती रहेगी।