हम भविष्य बनाते हैं!

विजेता!

विजेता बनने के लिए उम्मीद, त्याग, संघर्ष और प्रबोधन की आवश्यकता है। हम इस सफर के भागीदारी होंगे।

हमारे बारे में

चुनौतियों को मात देकर प्रभावशाली व बेमिसाल हुनर को हम बाहर लेकर आते हैं। ‘शील फाउंडेशन’ एक नॉन-प्रॉफिट संस्था है जो भारत के कोने कोने से छुपी कला को ढुँढकर बाहर ले आने के साथ देश के कमज़ोर हिस्सों को सहारा देती है।
हम हर उस व्यक्ति की सहायता करते हैं जो अभ्यासी या प्रशिक्षित है अथवा अपने पसंदीदा क्षेत्र में विकसित होना चाहते हैं, पर आर्थिक तौर पर अस्थिर हैं। प्रतिभावान कलाकार, नौजवान या क्रीड़ाओं में दिलचस्प खिलाड़ियों को मार्गदर्शन हमारे द्वारा दिया जाता है।

सहपाठ्यक्रम गतिविधियों में जरुरतमंद बच्चों के लिए हम स्कालरशिप सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। सिवाय इसके, योग्य निर्देशन उन फ्रेशर्स व अंडरग्रेजुएटस के लिए, जो सेना द्वारा देश की सेवा करना चाहते हैं।

सीमा पर शहीदी दे चुके वीर जवानों के बच्चों को हम शैक्षणिक मदद तथा करियर गाइडेंस देते हैं।

मिशन

हम भारतीयों के जीवन के हर हिस्से में सामाजिक बदलाव लाना चाहते हैं जो कि वैयक्तिक, खेल, सामाजिक व राष्ट्रीय स्तर पर हो। कोई भी कला या कलाकार रह न जाए, यही हमारा लक्ष्य है।

व्हिजन

हमारी यह दृष्टि है कि हम फुर्तीले व नए नौजवानों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ व शिक्षा दें, जिससे वे भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन कर सकें। आने वाले चंद सालों में हम हमारी उपलब्धियों को भारत के हर कोने तक ले जाएँगे।

प्रतिभा

अजित यादव

विनय कुमार

अभिषेक जोशी

भारतीय सेना

सीमा पर खड़े हमारे जाँबाज़ सैनिक हमारी रक्षा के लिए २४ घंटे मौजुद रहते हैं। दुनिया भर से आने वाले संकटों से हमारे सैनिक ढाल बनके हमारी रक्षा करते हैं। प्राकृतिक तथा मानवीय आपत्ती के समय हमारे सैनिक सबसे पहले हमारी रक्षा करने के लिए खड़े रहते हैं।

पुलवामा हमला हो या, २६/११ का आतंकी हमला, ऐसे न जाने कितने हमले हुए जब हमारे जवानों ने खुद की जान दाव पर लगाकर हमारे देश की रक्षा की।

भारत मे तीन प्रकार की सेनाएँ हैं – थल सेना, नौसेना और वायुसेना। इसके साथ ही पुलिस भी हमारी रक्षा के लिए २४ घंटे खड़े रहती हैं। भारत में बहुत सारी वजहों के कारण सैनिक तथा उनके परिवारों के लिए उपलब्ध की गई सुविधाएँ उन तक पहुँचाने में परेशानी होती है।

एक जिम्मेदार संस्था होने के नाते ‘शील फाउंडेशन’ भारतीय सैनिक, जिनको वीरगती प्राप्त हो चुकी है, उनके परिवार के बच्चों को स्थैर्य देने का काम करती है। सैनिकों के परिवार में, जिनका पारिवारिक सहारा नहीं रहा, उन बच्चों की शिक्षा का खर्च और जिनको सेना मे भर्ती होना है, उनको भी आर्थिक सहायता देने का काम ‘शील फाउंडेशन’ करती है